सुबह से लेकर शाम तक यदि आपको फिट रहना है तो ऐसे बिताएं अपना पूरा दिन
अगर आप अपनी फिटनेस को लेकर सजग हैं तो जाहिुर है कि आपका फोकस हेल्दी खान-पान से लेकर अनुशासित वर्कआउट पर होता होगा। लेकिन फिट रहने के लिए इतना ही काफी नहीं है।
लंबी उम्र और स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है हेल्दी लाइफस्टाइल, जिसके लिए आपको अपना पूरा दिन और हर दिन इन चीज़ों का ख्याल रखना होगा।

सूर्योदय से पहले उठें
बड़े बुजुर्ग अक्सर ब्रह्म मुहूर्त में उठने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस वक्त ऑक्सीजन की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। सूर्योदय के बाद वायुमंडल में इसकी मात्रा कम होने लगती है। सुबह 4-5 बजे उठने पर पक्षियों के कलरव और ठंडी हवाओं से हम फ्रेश महसूस करते हैं और पूरे दिन ताज़गी बनी रहती है। इतनी जल्दी सुबह उठना मुश्किल हो सकता है। लेकिन हफ्तेभर इसे लगातार करें, यह आपकी आदत बन जाएगी।

कसरत करें
वो दिन ही क्या जिसकी शुरुआत वर्कआउट से न हो। दिनभर की भागदौड़ के लिए शरीर के कलपुर्जों को चालू करने के लिए जरूरी है कि आप ईमानदारी से वर्जिश करें। केवल वेटलॉस के लिए ही नहीं, स्वस्थ शरीर और शांत मन के लिए भी व्यायाम जरूरी है।
1 एक्सरसाइज
2 डाइट
3 आराम
जरूरत के हिसाब से एक्सरसाइज की जाती है। जिम में वक्त बिताने और एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही आप जान पाते हैं कि आपके लिए मौजूदा वक्त में क्या सही है।

डाइट : जिम में बिताया एक से डेढ़ घंटा आपसे छह वक्त का खाना मांगता है। उसके इंतजाम में वक्त और पैसा दोनों लगता है। अगर वाकई कुछ बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो जेब का ख्याल भी रखें।
अच्छी बॉडी के लिए यह हिसाब लगाना भी जरूरी है कि क्या खाना है और कितना खाना है। खाने-पीने की तमाम चीजे हैं, किसमें कितना प्रोटीन, फैट वगैरह हैं, यह जानकारी आपको और जुटानी होगी और आप एक अच्छा डाइट चार्ट बना पाएंगे। आप सबकुछ सही कर रहे हैं, लेकिन डाइट सही नहीं ले रहे तो नतीजा व्यर्थ ही रहेगा।
डाइट का विज्ञान :
कुछ ऐसे शब्द हैं, जो इन दिनों आपको ज्यादा सुनने को मिलेंगे। जैसे प्रोटीन, कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, फैट। आइए जानते हैं इन शब्दों का आपके लिए क्या मतलब है

कैलोरी : आपको दौड़ने-भागने से लेकर सांस लेने तक में एनर्जी (ऊर्जा) की जरूरत होती है। इसी ऊर्जा को कैलोरी में नापा जाता है। आप जो खाते-पीते हैं उससे आपको ऊर्जा मिलती है। बहरहाल मुद्दे की बात ये है कि वजन घटना हो या वजन बढ़ाना हो कैलोरी तो खर्च होगी ही।
सवाल ये है कि कितनी। इसका सीधा सा फार्मूला है अगर आपका वजन 100 किलो है तो आपको 100 गुणा 30 मतलब 3000 कैलोरी तक लेनी होगी। अपने वजन को 30 से गुणा कर मात्रा तय कर लें।
प्रोटीन : प्रोटीन मसल्स बनाता है और उन्हें बरकरार रखता है। इसे पचाने में एनर्जी खर्च भी होती है और इससे एनर्जी मिलती भी है। इसकी मात्रा तय करने का भी सीधा गणित है, जिम जाने वालों को प्रति किलो वजन के हिसाब से एक से दो ग्राम के बीच प्रोटीन लेना चाहिए। मसलन वजन 60 किलो तो प्रोटीन 60 से 120 ग्राम के बीच पूरे दिन में।
कार्बोहाइड्रेट : ये हमें काम करने की ऊर्जा देता है। प्रोटीन और फैट के मुकाबले यह बहुत जल्दी ग्लूकोज में बदल जाता है। भारतीयों के भोजन दाल, चावल, रोटी, सब्जी में कार्बोहाइड्रेट की ठीक-ठाक मात्रा मौजूद होती है। अब आपको कितना कार्ब्स चाहिए ये डिपेंड करता है इस सवाल पर कि आपको कितनी कैलोरी चाहिए। अगर आपको रोज दो हजार कैलोरी चाहिए तो 250 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेना होगा। फॉर्मूला है 2000 को 2 से भाग करो और फिर जो आए उसे 4 से भाग करो।
डाइट में क्या और कितना
45 फीसदी कार्बोहाइड्रेट
15 फीसदी फैट
40 फीसदी प्रोटीन
इस बात का ध्यान रखें की यह एक बेसलाइन है। शरीर की जरूरत के हिसाब से कम ज्यादा होना लाजमी है। अपनी डाइट और एक्सरसाइज तय करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
बढ़िया नाश्ता करें
‘ब्रेकफास्ट लाइक किंग’ सुबह का पहला आहार बिना किसी कंजूसी के ग्रहण करें। न तो कार्ब्स से मुंह फेरें, न ही प्रोटीन पर सारा प्यार लुटाएं। अंडे से लेकर फलों तक और अनाज से लेकर स्मूदीज तक, जो भी पसंद हो, दिल खोलकर खाइये। याद रखें, यह तमाम चीज़ें आपके शरीर के लिए ईंधन की तरह काम करेंगे। इसलिए पूरे दिन का फ्यूल बढ़ियां से भर लें। लेकिन तली-भुनी या पैकेज्ड चीज़ें न खाएं, वर्ना आप सुस्त महसूस करेंगे।

दफ्तर में भी ब्रेक लेते रहें
काम में मशगूल होना अच्छी बात है, लेकिन इस चक्कर में अगर लंबे समय तक सीट से चिपके रहे, तो कमर की बैंड तो बजेगी ही, आंखें भी कमजोर होंगी और मोटापा भी बढ़ेगा। इसलिए हर घंटे पांच से दस मिनट के लिए कुर्सी छोड़कर ब्रेक लें।

आराम : दिन बेचैन, रात बेचैन तो शरीर कहां से खुश रहेगा। एक्सरसाइज के दौरान आपके शरीर में खूब टूटफूट होती है। इस टूटफूट की मरम्मत होती है आराम के दौरान। अगर आप आठ घंटे की नींद नहीं ले पा रहे तो अच्छे नतीजे आना बड़ा मुश्किल है।

हेल्दी लंच करें
इस बात का ख्याल रखें कि आपका पेट कूड़ेदान नहीं है। इसलिए इसमें ‘कचरा’ खाना न भरें। हो सके तो अपना टिफिन लेकर आएं। बाहर के खाने से परहेज़ करें। सूप और सब्जियों को तरजीह दें। भूलकर भी लंच स्किप न करें क्योंकि बाद में जब भूख लगेगी तो आपका दिमाग काम करना बंद कर देगा। तब अगर किसी सहकर्मी या दोस्त ने पिज्जा ऑफर किया, तो आप बिना सोचे समझे उसे ठूंस लेंगे। वक्त पर लंच करने से शरीर का मेटाबॉलिस्म दुरुस्त रहता है।
क्रेविंग्स को नज़रअंदाज न करें
अगर आपको कोई चीज़ खाने का बड़ा मन कर रहा है, तो उसे जरूर खाइये। न खाने से बेहतर है थोड़ा खाना। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप अपनी क्रेविंग को नजरअंदाज़ करेंगे, तो हो सकता है आप अपना कंट्रोल खो दें और उसपर टूट पड़ें। इससे तो अच्छा है न कि आप थोड़ी सी चीटिंग करें और जो खाने के मन करे उसकी एक-दो बाइट लेकर अपनी क्रेविंग शांत कर लें।

अब जल्दी उठे हैं, तो जल्दी सो भी जाइये
आप शरीर को जितना आराम देंगे, उसके लिए कैलोरी बर्न करना उतना ही आसान होगा। साथ ही दूसरे दिन जल्दी उठने के लिए भी तो जल्दी सोना जरूरी है न।
माना कि इस रूटीन को फॉलो करना आपके लिए कष्टदायक होगा। लेकिन अगर आप अपने आलस से केवल हफ्तेभर लड़ें और सुबह जल्दी उठकर वर्जिश और नाश्ता करें तो 7-8 दिन के अंदर आपका बायोलॉजिकल क्लॉक खुद ब खुद सेट हो जाएगा। और हां, इसे कल परसों पर न टालें। दिन के जिस भी वक्त आप इस आर्टिकल को पढ़ रहें हैं, उसी वक्त से रूटीन को फॉलो करना शुरू कर दें।

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