थाइरोइड से हो सकता है बांझपन जैसी समस्या , जानिए लक्षण और घरेलू उपचार…
आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से जूझ रहा है। थायराइड ( Thyroid ) ऐसी समस्या है जो ज्यादातर लोगों में आजकल देखने को मिल जाती है। 🏃🏻♂️🏃🏻♂️
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पहले की तुलना में यह बीमारी वर्तमान समय में ज्यादा तेजी से फैली है। इस बीमारी से पुरुष भी संक्रमित होते हैं। लेकिन पुरुषों की तुलना में थायराइड की समस्या महिलाओं को अधिक होती है।
आज के समय में ज्यादातर महिलाएं थायराइड की समस्या से पीड़ित पाई जा रही हैं। थायराइड की बीमारी गले में पाई जाने वाली थायराइड ग्रंथि बढ़ने की वजह से होता है।
ऐसे में थायराइड की वजह से महिलाओं में अन्य दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है। जिसकी वजह से कई लोगों को नियमित तौर से दवाओं का सेवन करना पड़ता है।

साथ ही अन्य समस्याओं से भी दो-चार होना पड़ता है। आज हम जानेंगे थायराइड की समस्या से घरेलू नुस्खे को अपनाकर कैसे राहत पाई जा सकती है।
क्या होता है थायराइड –
घरेलू नुस्खा जाने से पहले सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर थायराइड क्या होता है?
थायराइड हमारे शरीर में गले में पाई जाने वाली एक ग्रंथि है। जिसमें टी 3 और टी 4 थायरोक्सिन हार्मोन बनता है।
इसके बाद यह हार्मोन पाचन, बॉडी के तापमान तथा सांस लेने की प्रक्रिया पर असर डालता है।
यह कोलेस्ट्रॉल और मांसपेशियों को भी नियंत्रित करने का काम करता है।
हमारे शरीर में जब किसी भी हार्मोन का असंतुलन उत्पन्न हो जाता है तो उसकी वजह से वजन बढ़ने लगता है या फिर तेजी से घटने लगता है।
इसके अलावा कई अन्य परेशानियां भी होने लगती है। यह समस्या को स्वास्थ्य विशेषज्ञ थायराइड कहते हैं।
थायराइड के लक्षण –
थायराइड कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जिन्हें आसानी से पहचान कर इससे बचा जा सकता है। अगर आपके हाथ कांपते हैं, बाल पतले हो रहे हैं या फिर काफी ज्यादा झड़ रहे हैं या घबराहट महसूस होती है, चिड़चिड़ापन रहता है, नींद नहीं आती या नींद में परेशानी उत्पन्न हो रही है तो यह थायराइड का ही लक्षण हो सकता है।
इन लक्षणों के आधार पर थायराइड बीमारी की पहचान की जा सकती है और समय रहते इसका इलाज करवाया जा सकता है।
थायराइड की समस्या होने पर लिए कुछ घरेलू नुस्खे काफी राहत प्रदान कर सकते हैं
अलसी का चूर्ण –
थायराइड की समस्या में डॉक्टर से इलाज कराना जरूरी है। लेकिन कुछ घरेलू उपाय भी साथ में अपनाए जा सकते हैं, जिससे इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सके। अलसी फायदेमंद खाद्य पदार्थ है। अलसी का नियमित रूप से सेवन करने से थायराइड में काफी फायदेमंद होता है। थायराइड की समस्या से पीड़ित होने पर नियमित रूप से अलसी का चूर्ण एक चम्मच जरूर खाएं। एक से दो चम्मच दे नारियल तेल दूध के साथ लेने से भी काफी आराम मिलता है।
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थायराइड बढ़ने पर जो लोग एलोपैथिक दवाइयां खा रहे हैं ऐसे लोग जो कुछ खास तरह की दवाइयां खा रहे हैं, जो ऑटो इम्यून डिसऑर्डर से पीड़ित हैं, जिन्होंने किसी कारण गले के आसपास रेडिएशन ट्रीटमेंट लिया हो, किसी कारण थायराइड ग्लैंड का ऑपरेशन कराया हो उन्हें थायराइड संबंधित समस्या हो सकती है। हो सकता है आप हाइपरथायरोईडिज्म से ग्रसित हों और उसके इलाज के लिए दवा खाने के चलते हाइपोथायरॉइडिज्म से पीड़ित हों जाएं या इसका उल्टा हो जाए।
पिछले उत्तरों में मै आपको बताया था कि थायराइड संबंधित बीमारी से भारत में करोड़ों लोग पीड़ित हैं।
हर साल एक करोड़ नए मरीज जुड़ जा रहे हैं तो इतने मरीज ऊपर लिखे कारणों से नहीं हो सकते। अवश्य ही यह भी डायबटीज़, ब्लड प्रेशर की तरह हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है जो स्ट्रेस लेवल बढ़ने, खान पान सही ना होने, शारीरिक श्रम की कमी जैसे कारणों से जुड़ी है।
अगर एक कारण लिखना हो कि किसे थायराइड संबंधित परेशानी होने की ज्यादा संभावना है तो यह लिखा जा सकता है कि अगर किसी का लिंग स्त्रीलिंग है तो उसमें सब सही रहने पर भी थायराइड होने की पूरी संभावना है। गर्भावस्था में और मेनोपॉज के बाद जब शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है तब थायराइड संबंधित समस्या होने की पूरी संभावना होती है।
व्यायाम की कमी, अनियमित और जंक फूड खाना, तनाव जैसे कारण तो हैं हीं।
थायराइड की समस्या थायराइड का कैंसर भी है और इससे संबंधित कई अन्य गंभीर रोग भी पर इनके मामले बहुत कम हैं।
यह उत्तर थायराइड हार्मोन की कमी या ज्यादा होने के बारे में है जिससे हर 2000 में एक व्यक्ति पीड़ित है।
थायराइड हार्मोन की सही मात्रा शरीर के हर टिशू हर अंग के लिए आवश्यक है। ज्यादा या कम मात्रा किसी को परेशानी में डाल देगी। हार्मोन का स्राव नियंत्रण एक जटिल प्रक्रिया है। थायराइड हार्मोन T3 और T4 का स्राव भी जटिल नेगेटिव फीड बैक मैकेनिज्म से नियंत्रित है।
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जब इन हार्मोन्स की जरूरत होती है तब दिमाग का मास्टर ऑर्गन हाइपोथलामस थायराइड रिलीजिंग हार्मोन छोड़ता है। यह सीधे थायराइड ग्लैंड को आदेश नहीं देता। सूचना दिमाग में ही पिट्यूटरी ग्लैंड को मिलती है और पिट्यूटरी थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन छोड़ता है। यह हार्मोन जब थायराइड तक पहुंचता है तो T3 और T4 रिलीज होते हैं। जब इनकी पर्याप्त मात्रा हो जाती है तो नेगेटिव फीड बैक मैकेनिज्म से हाइपोथलामस थायराइड रिलीजिंग हार्मोन रिलीज करना बंद कर देता है। इतनी जटिल प्रक्रिया में कहीं गड़बड़ी होने पर हार्मोन का स्तर कम या ज्यादा हो सकता है और आप थैरोइडिज्म से पीड़ित हो सकते हैं।

यह तो एक पहलू हुआ। नेगेटिव फीड बैक मैकेनिज्म ठीक काम कर भी रहा हो तो ऊपर से आदेश आने पर भी थायराइड ग्लैंड को हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन चाहिए। शरीर में पर्याप्त आयोडीन ही नहीं तो हार्मोन नहीं बन पाएंगे। थायराइड ग्लैंड में इन्फेक्शन हो या किसी कारण उसके टिशू नष्ट हो गए हों तो मास्टर ग्लैंड हाइपोथैलामस के आदेश का पालन चाह कर भी नहीं हो पाएगा। हार्मोन कम या ज्यादा बनेगा।
किसी को आयोडीन की कमी हो सकती है, किसी के थायराइड ग्लैंड में खराबी हो सकती है। किसी के TSH में गड़बड़ी हो सकती है किसी के TRH में। और भी कई प्रकार की गड़बड़ियां हो सकती हैं इसलिए थायराइड टेस्ट सिर्फ T3 और T4 का नहीं होता। कई प्रकार के टेस्ट होते हैं और उसी अनुरूप डॉक्टर दवाइयां लिखते हैं।
राहत की बात यह है कि डॉक्टर की सलाह पर नियमित दवा खा कर और लाइफस्टाइल में परिवर्तन ला कर हम सामान्य जीवन जी सकते हैं।
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थायराइड के लिए घरेलू उपचार: –
भुना हुआ समुद्री शैवाल
समुद्री शैवाल, जैसे कि केल्प, नोरी, और वेकैम, आयोडीन में स्वाभाविक रूप से समृद्ध होते हैं – सामान्य थायराइड फ़ंक्शन के लिए आवश्यक एक ट्रेस तत्व। सुशी के साथ समुद्री शैवाल खाएं या सलाद में टॉस करने के लिए पैक समुद्री शैवाल स्नैक्स प्राप्त करें।
नमकीन
ब्राजील नट्स, मैकाडामिया नट्स, और हेज़लनट्स सेलेनियम के उत्कृष्ट स्रोत हैं, जो स्वस्थ थायराइड फ़ंक्शन का समर्थन करने में मदद करता है। दिन भर में नाश्ता करने के लिए मिश्रित नट्स का एक छोटा सा बैग पैक करें।
सेंकी हुई मछली
मछली ओमेगा -3 फैटी एसिड और सेलेनियम में समृद्ध है, जो दोनों सूजन को कम करने में मदद करते हैं। ओमेगा -3 एस और सेलेनियम की एक स्वस्थ खुराक पाने के लिए सैल्मन, कॉड, समुद्री बास, हैडॉक, या लंच या डिनर के लिए पर्च।
जमा हुआ दही
दही, आइसक्रीम और दूध जैसे डेयरी उत्पादों में आयोडीन होता है। थायरॉयड को अपनी ग्रंथियों को बढ़ने से रोकने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है – जिसे गण्डमाला कहा जाता है। आयोडीन के पर्याप्त स्तर प्राप्त करने के लिए जमे हुए दही की कम वसा वाले सेवारत के लिए खुद का इलाज करें।