लक्षणों से पता कर सकते हैं ओवुलेशन

ओव्यूलेशन (डिंबोत्सर्जन) क्या है, और क्यों होता है?

ओवुलेशन को डिंबोत्सर्जन भी कहते हैं.!
महिलाओं के शरीर में होने वाली वह प्रक्रिया है, जिसमें उसके अंडाशय (ओवरी) से एक या एक से अधिक एग (अंडाणु) बाहर निकलता है।
यह दोनों अण्डाश्यों में से किसी से भी बाहर निकल सकता है या फिर यह बारी-बारी से हर महीने निकले।
यही अंडाणु, अंडाशय से निकल कर फेलोपियन ट्यूब में जाता है और वहां जाकर स्पर्म (शुक्राणु) से मिलकर फर्टिलाइज (निषेचित) होता है।

अंडा 12 से 24 घंटे फेलोपियन ट्यूब में रहता है, और यदि इस दौरान इसे शुक्राणु नहीं मिलता तो यह यूट्रस में जाकर उसकी दीवारों के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है और यदि यह अंडाणु, शुक्राणु से मिल जाता है तो लगभग चार से पांच दिनों तक फेलोपियन ट्यूब में रह कर, उसके बाद यूट्रस (गर्भाशय) में चला जाता है।

गर्भाशय में जाकर यह उसकी दीवारों से चिपक जाता है।
जब अंडाणु, शुक्राणु से नहीं मिल पाता तो इसे गर्भाशय की दीवार के द्वारा अवशोषित किये जाने के दो हफ़्तों के बाद यह पीरियड्स के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है, जिसे माहवारी कहते हैं।

कभी-कभी यह प्रक्रिया पूरी होने में दो हफ़्तों का समय लग जाता है और इसीलिये पहले हफ्ते में, महिला के प्रेग्नेंट होने का पता नहीं चल पाता।
महिला की प्रेगनेंसी की जाँच डॉक्टर उसके रक्त में बढे उस हार्मोन (एचएसजी) की मौजूदगी से लगाते हैं, जो प्रेगनेंसी के दौरान उसके शरीर में बढ़ जाता है।

ओव्यूलेशन (डिंबोत्सर्जन) का समय..
ओव्यूलेशन का समय पूरी तरह से निश्चित नहीं होता लेकिन इसका पता किसी भी महिला की माहवारी के दिनों को गिनकर लगाया जा सकता है।
ओवुलेशन का समय दो पीरियड्स के बीच (मध्य) में होता है।

पीरियड्स जिस दिन से शुरू होते हैं, उस दिन से गिनना शुरू कर के 10वें से 19वें दिन में ओवुलेशन हो सकता है यानि आपके अगले पीरियड्स से 10 से 12 दिन पहले।
पीरियड्स का टाइम 28 से 32 दिनों तक हो सकता है।
प्रेग्नेंट होने की सम्भावना महिला के ओव्युलेशन के दिनों में सबसे अधिक होती है।

ओव्युलेशन का समय, आपके अगले पीरियड्स पर ज्यादा निर्भर होता है और जो पीरियड्स आपको अंतिम बार आए थे उन पर कम।
मतलब आपको पिछले पीरियड्स के 10वें से 14वें दिन से इसकी शुरुआत हो ही जाएगी यह भी जरुरी नहीं है।

आप लक्षणों से जरूर पता लगा सकती हैं कि ओवुलेशन हो रहा है कि नही।