इलायची

माउथ फ्रेशनर के तौर पर और तमाम तरह के डिशेज में खुशबू के लिए इलायची का इस्तेमाल तो लगभग हर दिन ही किया जाता है. तो वहीं खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए खड़े मसाले के तौर पर भी इलायची का इस्तेमाल खूब होता है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि खुशबू और स्वाद के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इलायची, जिसे लोग हरी इलायची और छोटी इलायची भी कहते हैं. वो सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होती है?

कैविटी को रोकती है
दांतों में कैविटी और सांसों में दुर्गन्ध होना आना बेहद आम बात है. लेकिन ये दिक्कत जितनी कॉमन नजर आती है दिक्कत भी उतनी ही देती है. इस परेशानी से निजात दिलाने में इलायची आपकी मदद कर सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इलायची मुंह के बैक्टीरिया को मारने और कैविटी को रोकने में सक्षम होती है.

ब्लड प्रेशर कम करती है

इलायची ब्लड प्रेशर को कम करने में भी मददगार साबित हो सकती है. इलायची में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और मूत्रवर्धक गुण ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं

पाचन सम्बन्धी दिक्कतें दूर करती है
आज की लाइफ स्टाइल में अपच, गैस, एसिडिटी और कब्ज़ जैसी दिक्कत होना बहुत ही नॉर्मल सी बात है. इस दिक्कत को दूर करने में भी इलायची अच्छी भूमिका निभा सकती है.

इंफेक्शन से राहत देती है
मौसम बदलने पर होने वाले तरह-तरह के फंगल इंफेक्शन, फ़ूड पॉइजनिंग और पेट से सम्बन्धी दिक्कतों को दूर करने के लिए भी आप इलायची की मदद ले सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इलायची में मौजूद आवश्यक तेल और अर्क विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने में प्रभावी हो सकते हैं.

उल्टी, बेचैनी से निजात देती है
इलायची का इस्तेमाल पाचन को दुरुस्त रखने के साथ ही बेचैनी, मतली और उल्टी जैसी दिक्कतों से राहत पाने के लिए भी किया जाता है. इसे अक्सर अन्य औषधीय मसालों के साथ मिक्स करके भी इस्तेमाल किया जाता है.

इलायची की एक बहुत ही आकर्षक गंध होती है , जो तंत्रिकाओं को शांत करने का काम करती है।

 जब कोई व्यक्ति  उदास है, उस में इलायची डाल कर बनाई गई चाय से चमत्कारी प्रभाव हो सकता है।

इलायची में एंटीआक्सीडेंट होने के साथ – साथ रोगप्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है। साथ ही चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं पड़ती व चेहरे की चमक भी बढ़ती है। 

इलायची डालने से एक कप चाय का गुण कई गुना बढ़ जाता है।

इलायची को मोटे तौर पर दांतों में संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

यह गैस में राहत पहुंचाने के साथ कलेजे की जलन को कम करती है।

इलायची का पेस्ट बनाकर माथे पर लगाएं। सिरदर्द में तुरंत आराम मिलेगा।

धूप में जाते समय मुंह में इलायची जरूर डालें।

मुंह से दुर्गन्ध आती हो, इसका इस्तेमाल करें।

सफर में मुंह में इलायची रखें। उल्टी नहीं आएगी।

सांस लेने में तकलीफ हो तो, मुंह में एक इलायची डालें, आराम मिलेगा।

अस्थमा और कफ के रोगी इलायची के पाउडर को शहद के साथ चाटें।

यदि आवाज बैठी हुई है या गले में खराश है, तो सुबह उठते समय और रात को सोते समय छोटी इलायची चबा-चबाकर खाएँ तथा गुनगुना पानी पीएँ।

यदि गले में सूजन आ गई हो, तो मूली के पानी में छोटी इलायची पीसकर सेवन करने से लाभ होता है।

सर्दी-खाँसी और छींक होने पर एक छोटी इलायची, एक टुकड़ा अदरक, लौंग तथा पाँच तुलसी के पत्ते एक साथ पान में रखकर खाएँ।

बड़ी इलायची पाँच ग्राम लेकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। जब पानी एक-चौथाई रह जाए, तो उतार लें। यह पानी उल्टियाँ रोकने में कारगर सिद्ध होता है।

मुँह में छाले हो जाने पर बड़ी इलायची को महीन पीसकर उसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर जबान पर रखें। तुरंत लाभ होगा

यदि केले अधिक मात्रा में खा लिए हों, तो तत्काल एक इलायची खा लें। केले पच जाएँगे और आपको हल्कापन महसूस होगा।

बहुतों को यात्रा के दौरान बस में बैठने पर चक्कर आते हैं या जी घबराता है। इससे निजात पाने के लिए एक छोटी इलायची मुँह में रख लें।

पेशाब में जलन होने पर, इलायची को आंवला, दही और शहद के साथ खाएं।

इलायची के नियमित सेवन से रक्त संचार दुरुस्त होता है।

अपच होने पर इलायची, काली मिर्च को घी में मिलाकर लें।

पेट में ऐंठन के साथ दर्द हो, तो इलायची खाएं। अच्छा महसूस होगा ।