शरीर के संकेतो को अनदेखा ना करें…..

हमारा शरीर खुद एक डॉक्टर होता हैं। हर आने वाली बीमारी या शरीर में होने वाले परिवर्तन को वो खुद बता देता हैं लेकिन हम शरीर के इन संकेतों को अनदेखा कर देते हैं। अगर हम अपने शरीर के इन संकेतों को वक्त रहते समझ जाएं तो बहुत सी बीमारियों का सही समय पर इलाज करा सकते हैं। जैसे कुछ के बारे में मैं यहाँ जानकारी दे रही हूँ-

जीभ पर सफेद या भूरे रंग का मैल जमना पेट की खराबी को बताता है।

निमोनिया, प्लूरिसी आदि रोग में नाक के नथुने तेजी से फड़कते हैं।

अधिक थकावट या पुराने कब्ज में आखों के नीचे कालापन आ जाता है।

कमजोरी, खून की कमी, ल्यूकोरिया (श्वेत-प्रदर) आदि में आंखों के चारों तरफ कालापन आ जाता है।

किडनी के कार्य में रुकावट आने पर आंखों के नीचे सूजन आ जाती है।

बुखार आने पर होठों के कोने पर सफेद छाले हो जाते हैं।

पीरियड्स कम आने पर गालों पर झाइयां हो जाती हैं।

फेफड़ों (lungs) में इन्फेक्शन होने पर गाल लाल हो जाते हैं।

टायफाइड में शाम को शरीर का तापमान एक डिग्री बढ़ जाता है।

पेट में कीड़े होने पर बच्चे सोते समय दांत किटकिटाते हैं या सोते समय बिस्तर पर यूरिन कर देते हैं।

पेट में कीड़े होने पर बच्चों को नाक और मलद्वार में खुजली होती है।

तिल्ली बढ़ने पर जीभ का रंग सफेद हो जाता है।

आंतों और पेट के रोग में जीभ पर छाले या घाव हो जाते हैं।

पेट में कीड़े होने पर चेहरे पर हल्के सफेद रंग के धब्बे हो जाते हैं।

लो ब्लडप्रेशर और खून की कमी होने पर आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है।

महिलाओं में यूट्रस (बच्चेदानी) में रोग होने पर हाथ की उंगलियों के पीछे कालापन आ जाता है।

अधिक वीर्यनाश से गाल पिचक जाते है।

पेट के रोग या किसी लंबी बीमारी में होंठ फटने लगते हैं।

हाइपोथायरॉइडिज्म (थाइरॉइड ग्लैंड का हारमोन कम निकलना) में गले में सूजन आ जाती है।

यदि आप बड़ी बीमारी से बचना चाहते हैं तो अपने शरीर के छोटे से छोटे परिवर्तन को भी अनदेखा न करें।