क्या है आपका आहार:-
सोचो कि अगर हम ऐसे आहार को खायेँ कि कोई नियम पालन ही न करना पड़े….
ऐसा आहार जिससे सभी खाने पीने के नियम बेकार हो जाये,
जब मन खाओ जो मन खाओ…….तो ?
इस सन्सार में ईस्वर ने सभी के आहार की व्यवस्था और रचना की है, हमारे सन्सार में 20 देशो के अधिकतर स्थान ऐसे है जहां आजतक कोई अस्पताल नहीं, कोई भी व्यक्ति 120 साल से नीचे नही मरता, और अपनी म्रत्यु के दिन से एक दिन पहलेे तक स्वस्थ रहता है।
वह आहार जो प्राणवान, रसभरा, मिठास युक्त , जो पूर्ण सन्तुलित हो, ताजगी, सुन्दरता, सुगंध लिए हो ,स्वाद हो,जो शरीर को हल्का रखे, कोई वजन न डाले, कम जीवनी शक्ति के खर्च पर पचने वाला, रक्त को शुद्ध और क्षारमय रखता हो, अधिक पोषण देता हो, स्फूर्ति उत्साह देता हो।

जिसे आग के सम्पर्क में लाकर दुष्पाच्य, विकृत, असंतुलित ,जटिल न किया गया हो, यही वो आहार है जो हम इंसानो के लिए ईस्वर ने बनाया है, जिस आहार में हमारी मेहनत कम हो, वही हमारा आहार है।
ऐसा आहार जिसे किसी प्राणी वर्ग से नही छीना गया हो, जैसे दूध, अंडे, मांस, शहद इत्यादि, जिसमे किसी दूसरे माँ के बच्चे का भोजन न छीना गया हो किसी प्राणी की हत्या न कि गयी हो, जो सिर्फ वनस्पति जन्य हो, वही आपका आहार है।
प्राकृतिक आहार पहचाने के 3 तरीके है।
जो आहार खाने के बाद पानी पीने की मांग करते है वह आहार जहर समान है, सभी पके, तले ,भुने ,सूखे अनाज पानी की मांग करते है।
जिस आहार को स्वाभाविक रूप से न खाकर ,नमक चीनी या मसालों के द्वारा खाया जाए जहर समान है जो झूठा स्वाद और उत्तेजना पैदा करता है जैसे मांस, अंडा, चाय आदि।
जिस आहार को पकाने के लिए आग की आवश्यकता पड़े वह आपको कभी स्वास्थ नही दे सकता, ऐसे आहार को खाकर आप जीवित रह सकते है स्वस्थ नहीं।

आपका आहार-
सभी प्रकार के खट्टे मीठे फल(केला ,आम, अंगूर, तरबूज, संतरा, अमरूद, आदि)।
सभी प्रकार के मेवे (काजू, बादाम, पिस्ता, अखरोट, मूंगफली, आदि)।
सरल प्राकृतिक पेय,(गन्ने का जूस, माँ का दूध, नीम्बू पानी, आदि)।
सभी प्रकार की सब्जियां जैसे लौकी, भिंडी, टमाटर, शिमला मिर्च, ककड़ी, खीरे आदि।
सभी अंकुरित अनाज(गेंहू ,बाजरा, मक्का, चना, मटर, दाले, आदि)।
तिलहन बीज( मूंगफली, तरबूज, ककड़ी, खरबूज, कद्दू, तिल, अलसी, सुर्यमुखी के बीज
कंद( आलू, शक्करकंद, रतालू आदि)।
मसाले( हरी धनिया, हरा पुदीना ,हरीमिर्च,लहसुन, अदरक, सौंफ, लौग, इलाइची, दाल चीनी, तुलसी, जीरा इत्यादि)।
धरती के सभी प्राणियों ने अपनी सहजता से अपना आहार चुना है, लेकन हम आज तक अपना आहार न चूंन पाए।
कार्बोहाइड्रेट:-
कार्बोहाइड्रेट जिसे हम स्टार्च औऱ शुगर कहते है, सभी प्रकार के फलो खासकर मीठे फलो से केला, खजूर, आम, सेब इन सबसे बखूबी मिलता है।
हमे मेवों से भी कार्बोहाइड्रेट मिलता है जसिमे नारियल अखरोट आदि शामिल है।
हमे जमीकंद से जैसे गाजर चुकंदर, आलू,गाजर,शलजम, आदि से भी स्टार्च मिलता है।
हमे सभी प्रकार की अंकुरित दालों से भी स्टार्च मिलता है।
सर्वश्रेस्ठ पाचक प्रोटीन:-
ऐसा प्रोटीन जो शरीर को कभी नुकसान नहीं पहुचता, ऐसा सभी प्रोटीन मेवे( अखरोट ,काजू बादाम, चिलगोजा, अंजीर, किसमिस, मूंगफली, आदि)।
तेलीय बीज-
प्रोटीन की HDL फॉर्म सबसे ज्यादा इसी में है जैसे, (अलसी, तिल, सुर्यमुखी के बीज, खरबूज तरबूज के बीज , कद्दू के बीज, ककड़ी के बीज, आदि।
सभी ताजी हरी पत्तेदार सब्जियां सुपाच्य अमीनो एसिड युक्त प्रोटीन देती है, लेकिन हम लोग प्रोटीन के लिए परेशान होते रहते है।

वसा (फैट):-
सभी प्रकार के मेवे, तिलहन से भरपूर सुपाच्य वसा मिलती है।
शरीर को सबसे शुद्ध जल सभी सब्जियां, सलाद, फल, अंकुरित अन्नो से प्राप्त हो जाता है, बाहर के पानी की जरूरत न के बराबर है।
अनेक लोग सिर्फ बेमौसम और एक ही तरह का फल, सलाद आदि खांते रहते है जिससे आपको कोई लाभ नहीं होगा, हर फल, सलाद, सब्जी का अपना महत्व है।
आपका काम भोजन में बारे में सोचना नहीं है, बल्कि शरीर को सही आहार देना है, बाकी काम शरीर खुद करता है।
जागरूक रहिये शाकाहार अपनाईये।
