हंसासन करने के फायदे, तरीके एवं सावधानियां
हंसासन-परिचय
आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में कमर दर्द, पीठ दर्द जैसी बीमारियों ने आम समस्या का रूप धारण कर लिया है। ऐसे में हम अपने काम को तो नहीं बदल सकते, लेकिन जब हम नियमित रूप से हंसासन योग को करते हैं तो इस प्रकार की बीमारियों से बच सकते हैं।

अगर आप नियमित रूप से हंसासन योग को करते हैं तो आप की रीढ़ की हड्डियों से जो समस्याएं जुडी हुई हैं, वो आप से दूर हो जाती हैं। इसको करने से आपको किसी प्रकार का शारीरिक दर्द का सामना नहीं करना पड़ता। इस आसन को नियमित अभ्यास के साथ करने से आप को तकलीफ के साथ साथ छोटी छोटी बीमारियों से भी राहत मिलती है।
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हंसासन का अभ्यास करते समय आदमी के शरीर की स्थिति हंस के समान हो जाती है, इसलिए इस आसन को हंसासन कहा जाता है। हंसासन करते समय आदमी के शरीर का पूरा संतुलन दोनों हाथों की हथेलियों पर होता है। शुरुआत में इस आसन को करने में बहुत कठिनाई होती है लेकिन हर रोज इसका अभ्यास करने से यह आसन करना आसान हो जाता है। हंसासन करने से चेहरे और त्वचा की सुंदरता भी बढ़ती है।

हंसासन करने की विधि:-
- सबसे पहले घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं। दोनों पंजों को साथ में रखें और घुटनों को अलग रखें। हथेलियों को जमीन पर रखें और अंगुलियों को पैरों की ओर रखें।
- फिर दोनों हाथों की कलाइयों को एक दूसरे से सटा लें और भुजाओं के आगे के भाग को शरीर से चिपका लें।
- अब आगे की ओर इस प्रकार झुकें कि पेट आपकी कोहनियों के ऊपर रहे और छाती भुजाओं के ऊपर भाग पर रहे।
- संतुलन बनाये रखें और पैरों को धीरे-धीरे पीछे की ओर सीधा कर लें।
- पंजों को एक साथ रखें और पैरों की अंगुलियों को जमीन पर टिका दें।
- सिर को ऊपर उठायें और नज़रें एकदम सामने रखें।
- आखिर में अपने शरीर का भार हाथों और पैरों की अंगुलियों पर होना चाहिए।
- अपनी क्षमता के अनुसार इस अवस्था को बनाये रखें। ध्यान रखें हाथों या पैरों की अंगुलियों पर ज्यादा जोर न लगाएं।
- फिर घुटनों को जमीन पर लें आएं और वज्रासन में बैठ जाएं।
- इस आसन को कम से कम दस मिनट तक करें।
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हंसासन करने के फायदे:-
हंसासन किस तरह से हमारे शरीर के लिए लाभदायक है। इससे कौन-कौन सी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। आइये इसे विस्तार से जानते हैं
- हंसासन नियमित रूप से करने से से हाथ व पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं तथा गर्दन का मोटापा कम होता है।
- हंसासन से सीना मजबूत व सुडौल होता है, जिससे शरीर स्वस्थ दिखता है।
- इस आसन को करने से चेहरे व त्वचा पर तेज और चमक आती है।
- हंसासन करने से शरीर में हमेशा स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है।
- हंसासन से नाड़ी-तंत्र (स्नायुतंत्र) सही तरीके से काम करने लगता है, जिससे खून का संचार तेज हो जाता है।
- यह आसन पेट की चर्बी को कम कर करता है, जिससे मोटापे कम करने में सहायता मिलती है।
- हंसासन से फेफड़े स्वच्छ एवं अधिक सक्रिय बने रहते हैं।
- यह मल-मूत्र की रुकावट को दूर करता है और पेट दर्द, पीठ दर्द, कमर दर्द, पसली का दर्द समाप्त करता है।
- इस आसन का अभ्यास लगातार करते रहने से भूख बढ़ती है।
- यह आसन पैंक्रियाज को सक्रिय बनाए रखने में सहायक होता है।

हंसासन करने में क्या सावधानी बरती जाए :-
- पेप्टिक अल्सर, अधिक अम्लता, हर्निया या उच्च रक्तचाप के रोगियों को यह आसन नही करना चाहिए।
- गर्भवती महिलायें कभी इस आसन को न करें।
- अगर इस आसन को करते समय आपको हाथों में दर्द या पैरों में ऐंठन महसूस होती है, तो तभी इस आसन को रोक दें।
- कुछ देर आराम से बैठ जाएं और फिर से इस आसन को करने की कोशिश करें।
- अगर यह समस्या फिर से महसूस होती है तो अपने योग ट्रेनर को जरूर बताएं।