सर्वांगासन से ठीक करे अपनी त्वचा और पेट की चर्बी महिलाओ के लिए है लाभदायक , जानिए फायदे एवं सावधानिया
योग अपनाए सुंदर जीवन पाये
अच्छी सेहत के लिए नियमित रूप से योगाभ्यास करने से तन-मन स्वस्थ रहता है। अगर आपके पास समय नहीं है तो केवल सर्वांगासन करके भी अपनी सेहत सुधारने के साथ रूप भी निखार सकती हैं। सर्वांगासन करने के तरीके और उसके लाभ के बारे में जानिए।
योगासनों का लाभ और उसका महत्व किसी से छिपा नहीं है। महिलाओं के लिए योग का महत्व और भी अधिक होता है, क्योंकि पुरुषों की तुलना में उन्हें अधिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैसे तो हर आसन के अपने लाभ होते हैं लेकिन सर्वांगासन एक ऐसा योगासन है, जिससे आपके शरीर के सभी अंगों का व्यायाम हो जाता है। वैसे तो यह आसन बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए लाभदायक है, लेकिन महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है।
सर्वांगासन करने का तरीका

इस आसन को करने के लिए पहले आप अपनी पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद एक साथ अपने पैरों, कूल्हे और फिर कमर को उठाएं। इस दौरान आपका सारा भार आपके कंधों पर आ जाएगा। अपनी पीठ को अपने हाथों से सहारा दें। अब अपनी कोहनियों को पास में ले आएं। हाथों को पीठ के साथ रखें, कंधों को सहारा देती रहें। कोहनियों को जमीन पर दबाते हुए और हाथों को कमर पर रखते हुए, अपनी कमर और पैरों को सीधा रखें।
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इस दौरान आपको ध्यान रखना होगा कि आपके शरीर का पूरा भार आपके कंधों और हाथों के ऊपरी हिस्से पर हो, न कि आपके सिर और गर्दन पर। साथ ही अपने पैरों को सीधा और मजबूत रखें। अपने पैरों की अंगुलियों को नाक की सीध में ले आएं। साथ ही अपनी गर्दन को जमीन पर न दबाएं, उसे मजबूत रखें और उसकी मांस-पेशियों को सिकोड़ कर अपनी छाती को ठोड़ी से लगा लें। यदि गर्दन में तनाव महसूस हो रहा है तो आसन से बाहर आ जाएं। इस आसन के दौरान लंबी गहरी सांसें लेती रहें और 30-60 सेकेंड तक आसन में ही रहें।
आसन से बाहर आने के लिए, घुटनों को धीरे से माथे के पास लेकर आएं। हाथों को जमीन पर रखें। बिना सिर को उठाए धीरे-धीरे कमर को नीचे लेकर आएं। पैरों को जमीन पर लें आएं। कम से कम 60 सेकेंड के लिए आराम करें। इसके बाद आप दोबारा इस आसन को दोहरा सकती हैं।
सर्वांगासन के लाभ
सर्वांगासन करने से थाइरॉयड ग्रंथि पर दबाव बनने लगता है, जिससे ग्रंथि ठीक से काम करने लगती है। लगातार इस आसन का अभ्यास करने से थाइरॉयड की समस्या पूरी तरह से ठीक हो जाती है। इस आसन से पेट पर भी जोर पड़ता है, जिससे पेट की सभी आंतरिक अंग सही तरह से काम करने लगते हैं, जिसकी वजह से बांझपन और गर्भपात जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
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बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने के कारण मासिक धर्म संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही थकान और दुर्बलता को दूर करने में भी यह आसन बेहद लाभकारी है इस आसन से मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर तरीके से होता है। जिसके कारण हेयर लॉस की समस्या दूर होती है और मानसिक तनाव भी काफी हद तक कम होता है। इस आसन को करने से त्वचा की रंगत निखरने लगती है। यह एक तरह का एंटी-एजिंग और एंटी-रिंकल फार्मूला है। इसे करने से फेस पर कील-मुहांसे नहीं होते और झुर्रियां भी नहीं पड़तीं।
सावधानी और निरूद्धता
अगर आप सर्वांगासन कर रही हैं तो इसके पश्चात् मत्स्यासन का अभ्यास अवश्य करें। अन्यथा आपको इस आसन से कोई विशेष लाभ नहीं होगा और आपको सर्वाइकल पेन होने का डर भी बना रहेगा। अगर आप गर्भवती हैं तो इस आसन को न करें। आसन किसी योग्य प्रशिक्षक से सीखकर ही करें।