इन वजहों से बढ़ता है यूरिक एसिड, जानें यूरिक एसिड के लक्षण
जाने यूरिक एसिड के बारे में…..
अगर कभी आपके पैरों उंगलियों, टखनों और घुटनों में दर्द हो तो इसे मामूली थकान की वजह से होने वाला दर्द समझ कर अनदेखा न करें यह आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का लक्षण हो सकता है। इस स्वास्थ्य समस्या को गाउट आर्थराइट्सि कहा जाता है।
क्या है यूरिक एसिड?
जब किसी वजह से किडनी की फिल्टर यानि छानने की झमता कम हो जाती है तो यूरिया यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है जो हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है। यूरिक एसिड शरीर के cells और उन चीजों से बनता जो हम खाते हैं। इसमें से यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनियों के जरिए फिल्टर हो जाता है जो टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर आ जाता है, लेकिन अगर यूरिक एसिड शरीर में ज्यादा बन रहा है या किडनी फिल्टर नहीं कर पाती तो खून में यूरिक
एसिड का लेवल बढ़ जाता है। बाद में यह हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है और इससे गाउट की समस्या पैदा हो जाती है।
यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है जिससे दर्द महसूस होता है और ये दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है (खासकर टखने में, कमर, गर्दन, घुटने आदि में)..इसी से बाद में गाउट, गठिया और आर्थराइटिस जैसी परेशानियां हो जाती हैं।

यूरिक एसिड के लक्षण
शुरुआत में Uric Acid के बढ़ने का पता नहीं लग पाता। ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं होती कि यूरिक एसिड के बढ़ने को कैसे पहचानें। कुछ लक्षण हैं जिन्हें देख आप पहचान सकते हैं कि यूरिक एसिड बढ़ रहा है –
- जोड़ों में दर्द होना। उठने-बैठने में परेशानी होना।
- उंगलियों में सूजन आ जाना
- जोड़ों में गांठ की शिकायत होना
- इसके अलावा पैरों और हाथों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होता है जो कई बार असहनीय हो जाता है। इसमें आदमी ज्यादा जल्दी थक भी जाता है। इसलिए इन लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। कभी भी इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए तो डॉक्टर से संपर्क करें।
लेकिन ये यूरिक एसिड क्यों होता है, यह जान लेना भी बहुत जरूरी है, ताकि आप सचेत रहें और उन चीजों से दूर रहें जिनसे यूरिक एसिड बढ़ता है।

यूरिक एसिड बढ़ने के मुख्य कारण
- खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव यूरिक एसिड बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है।
- अगर डायबिटीज के मरीज हैं तो आपके शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना तय है क्योंकि डायबिटीज की की दवाओं से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
- रेड मीट, सी फूड, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, मटर, पनीर, भिंडी, अरबी और चावल खाने से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
- खाने (भोजन) के रूप में लिया जाने वाला प्यूरिन प्रोटीन भी यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ाता है।
- जो लोग व्रत रखते हैं उनमें भी अस्थायी रूप से यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है।
- जबरदस्ती एक्सरसाइज करने या फिर वजन कम करने के चक्कर में भी कई बार यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है।
- इसके अलावा ब्लड प्रेशर की दवाएं, पेन किलर्स और कैंसर रोधी दवाएं खाने से भी यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।

क्यों होता है ऐसा??….
- यह समस्या शरीर में प्रोटीन की अधिकता के कारण होती है। प्रोटीन एमिनो एसिड के संयोजन से बना होता है। पाचन की प्रक्रिया के दौरान जब प्रोटीन टूटता है तो शरीर में यूरिक एसिड बनता है, जो कि एक तरह का एंटी ऑक्सीडेंट होता है। आमतौर सभी के शरीर में सीमित मात्रा में यूरिक एसिड का होना सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है, लेकिन जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो रक्त प्रवाह के जरिये पैरों की उंगलियों, टखनों, घुटने, कोहनी, कलाइयों और हाथों की उंगलियों के जोड़ों में इसके कण जमा होने लगते हैं और इसी के रिएक्शन से जोड़ों में दर्द और सूजन होने लगता है।
- यह आधुनिक अव्यवस्थित जीवनशैली से जुड़ी स्वास्थ्य समस्या है। इसी वजह से 25 से 40 वर्ष के युवा पुरुषों में यह समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है। स्त्रियों में अमूमन यह समस्या 50 वर्ष की उम्र के बाद देखने को मिलती है।
- रेड मीट, सी फूड, रेड वाइन, प्रोसेस्ड चीज, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, पालक आदि के अधिक मात्रा में सेवन से भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
4.अधिक उपवास या क्रैश डाइटिंग से भी यह समस्या बढ़ जाती है।
- आमतौर पर किडनी रक्त में मौजूद यूरिक एसिड की अतिरिक्त मात्रा को यूरिन के जरिये बाहर निकाल देती है, लेकिन जिन लोगों की किडनी सही ढंग से काम नहीं कर रही होती, उनके शरीर में भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
6.अगर व्यक्ति की किडनी भीतरी दीवारों की लाइनिंग क्षतिग्रस्त हो तो ऐसे में यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से किडनी में स्टोन भी बनने लगता है।

बचाव…….
- अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीने की कोशिश करें। इससे रक्त में मौजूद अतिरिक्त यूरिक एसिड यूरिन के जरिये शरीर से बाहर निकल जाता है।
- दर्द वाले स्थान पर कपड़े में लपेटकर बर्फ की सिंकाई फायदेमंद साबित होती है।
- संतुलित आहार लें- जिसमें, कार्बोहइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटमिन और मिनरल्स सब कुछ सीमित और संतुलित मात्रा में होना चाहिए। आम तौर पर शाकाहारी भारतीय भोजन संतुलित होता है और उसमें ज्यादा फेर-बदल की जरूरत नहीं होती।
- नियमित एक्सराइज इस समस्या से बचने का सबसे आसान उपाय है क्योंकि इससे शरीर में अतिरिक्त प्रोटीन जमा नहीं हो पाता।
- इस समस्या से ग्रस्त लोगों को नियमित रूप से दवाओं का सेवन करते हुए, हर छह माह के अंतराल पर यूरिक एसिड की जांच करानी चाहिए।
