कुक्कुटासन विधि, लाभ, सावधानियाँ
कुक्कुटासन क्या है?
कुक्कुट का अर्थ मुर्गा होता है। इस आसन में शरीर मुर्गे की आकृति के समान लगता है, इसीलिए इसे कुक्कुटासन का नाम दिया गया है। यह आसन शरीर के संतुलन लिए बहुत अच्छा है। यह कन्धा, बांह, कोहनी इत्यादि लिए बहुत महत्वपूर्ण योगाभ्यास है।
कुक्कुटासन की विधि। How to do Kukkutasana
1.सबसे पहले आप पद्मासन में बैठ जाएं।
2.दायां हाथ दाईं जांघ (thigh) तथा दाईं पिंडली (calf ) के बीच ले जाएं तथा बायां हाथ बाईं जांघ एवं बाईं पिंडली (calf) के बीच ले जाएं
3.हाथों को नीचे कोहनियों तक ले जाएं
4.हथेलियों को मजबूती से जमीन पर जमाएं
5.हथेलियों बीच 3-4 इंच की दूरी रखें
6.सांस लेते हुए शरीर को जमीन से यथासंभव हवा में उठाएं
7.शरीर के भार को हथेलियों पर टिकाएं
8.सिर सीधा रखें तथा आंखों को सामने की ओर स्थिर रखें
9.धीरे धीरे सांस लें और धीरे सांस छोड़े
10.जहां तक भी संभव हो सके इसी स्थिति को बनायें रखें
11.लम्बा सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे अपनी पहली स्थिति में आएं
12.यह एक चक्र हुआ
13.इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें

कुक्कुटासन के लाभ। Benefits of Kukkutasana
कुक्कुटासन के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताया जा रहा है। इस आसन का ज़्यदा से ज़्यदा फायदा तब मिल सकता है जब इसके ऊपर बताये गए तरीके को ठीक तरह से किया जाए
1.बांहों मजबूत बनाने में : इस आसन के अभ्यास से आप अपने बाहों को सुडौल एवं मजबूत बना सकते हैं
2.कन्धों के लिए योग: अगर आपको कन्धों को मजबूत एवं दर्द फ्री रखना हो तो इस आसन का अभ्यास जरूर करें
3.कोहनी के मजबूती में : कोहनी के मजबूती के लिए यह बहुत अच्छा योग है
4.शरीर संतुलन में : यह संतुलन तथा स्थिरता को बढ़ाता है
5.छाती के लिए: छाती को स्वस्थ रखने में मदद करता है
6.फेफड़ों: फेफड़ों के लिए लाभकारी है
7.शरीर को स्ट्रांग बनाने में : कुक्कुटासन शरीर को सुदृढ़ एवं स्ट्रांग बनाने में मदद करता है
8.पाचन में लाभकारी: इसके अभ्यास से आपका पाचन तंत्र सक्रिय हो जाता है
9.मूलाधार चक्र: इस आसन के नियमित अभ्यास से मूलाधार चक्र सक्रिय हो जाता है।

कुक्कुटासन सावधानी
1.इस आसन को उच्च रक्तचाप में प्रैक्टिस करनी चाहिए
2.हृदय रोग से ग्रस्त व्यक्तियों को यह आसन नहीं करना चाहिए
3.बांहों में ज़्यदा दर्द होने पर इस आसन को न करें
4.कन्धों में दर्द होने बचें
5.कोहनी की ज्यादा परेशानी में इस आसन को न करें
6.प्लीहा समस्या होने पर इस आसन का अभ्यास नहीं करनी चाहिए।