नौकासन : जानिए फायदे, करने की विधि और सावधानियां

इस आसन को नौकासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका आकार नाव की तरह का होता है। इसको नावासन के नाम से भी पुकारा जाता है।

नौकासन पीठ के बल लेट कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण योगासन है। इसके फायदे अदभूत हैं। यह पेट की चर्बी को कम करने के लिए बहुत ही प्रभाव शाली योगाभ्यास है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और साथ ही साथ सिर से लेकर पैर की अंगुली तक फायदा पहुँचाता है।

नौकासन के लाभ

योग पूरे शऱीर के लिए: यह एक ऐसी योगासन है जो आपके शरीर को सिर से लेकर पैर तक फायदा पहुंचाता है।

1 मेरुदंड को लचीला बनाता है।

2 नियमित रूप से प्रैक्टिस किया नौकासन पेट के चर्बी कम करने के लिए बहुत ही उम्दा योगाभ्यास है।

3 नौकासन से पेट की चर्बी ही कम नहीं होती बल्कि पुरे शरीर का वजन घटता है और आप मोटापा को कंट्रोल कर सकते हैं।

4 यह योगाभ्यास आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और पाचन से संबंधित रोग जैसे कब्ज, एसिडिटी, गैस आदि से आपको छुटकारा दिलाता है।

5 यह आसन कब्ज को कम करने में बहुत मददगार है क्योंकि एंजाइम के स्राव में बड़ी भूमिका निभाता है।

6 बहुत कम ऐसा योग है जो किडनी को लाभ पहुंचाता है उसमें से एक नौकासन भी है। नियमित रूप से इस आसन को करने से किडनी स्वस्थ रहती है

7 नौकासन कमर दर्द के लिए पहले पहले इस आसन को करने से कमर में थोड़ी बहुत परेशानी हो सकती है लेकिन धीरे धीरे यह आपके कमर को मजबूत बनाता है।

8 नौकासन हर्निया के लिए बहुत ही मुफीद है

इसे भी पढें👇

गठिया रोग ठीक करने के 222 घरेलू नुस्खे आयुर्वेदिक तरीका से

नौकासन करने की विधि

सबसे पहले आप स्वच्छ आसन बिछाकर पीठ के बल लेट जाए।

आपके हाथ जांघ के बगल हो और आपकी शरीर एक सीध में हो।

अपने शरीर को ढीला छोड़े और सांस पर ध्यान दें।

अब आप सांस लेते हुए अपने सिर, पैर, और पुरे शरीर को 30 डिग्री पर उठायें।

ध्यान रहे आपके हाथ ठीक आपके जांघ के ऊपर हो

इसे भी पढें👇

स्पर्शचिकित्सा क्या है, इसके क्या फायदे हैं… कैसे करता है प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत

धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े, इस अवस्था को अपने हिसाब से बनाये रखें।

जब अपने शरीर को नीचें लाना हो तो लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए सतह की ओर आयें।

यह एक चक्र हुआ और शुरुवाती दौड़ में 3 से 5 बार करें

एक दूसरी तरीका नौकासन का है जिसमें आप अपने सिर और पैर को सांस लेते हुए 45 डिग्री पर उठाते हैं एवं शरीर को V आकर का बनाते हैं। इसको एडवांस्ड नौकासन में रखा जाता है।

अपने हिसाब से इस स्थिति को धारण करें।

फिर सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे जमीन की ओर आयें।

नौकासन की यह विधि वजन को कम करने के लिए बहुत ही प्रभावी है।

नौकासन की सावधानियां

रीढ़ की हड्डी में कोई समस्या हो तो इस आसन को करने से बचें।

जब कमर में दर्द हो तो यह आसन नहीं करनी चाहिए।

गर्भवती महिलाओं के लिए ये आसान मना होता है

हर्निया के रोगियों को यह आसन किसी विशेषज्ञ के निगरानी में करनी चाहिए।

नौकासन करने के बाद भुजंगासन करनी चाहिए

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *