क्या है बायो एनर्जी? कहां-कहां एकत्र होती है। जीव की बायो एनर्जी (Bio energy)कैसी होती है? :

क्या औषधियां बायो एनर्जी है ?

बायो एनर्जी को समझने से पहले एनर्जी के विषय में समझ लेना आवश्यक है। एनर्जी वह शक्ति है जिसके द्वारा कोई कार्य किया जाता है। बिना शक्ति (एनर्जी) के संसार में कोई कार्य नहीं हो सकता है अर्थात जिस शक्ति से कोई कार्य होता है उसे एनर्जी कहते हैं।

एनर्जी न स्थान घेरती है न इसमे भार होता है। न इसे देखा जा सकता है। एनर्जी कभी नष्ट नहीं होती है। अपना रूप बदल लेती है। संसार में एनर्जी अनेकों प्रकार की होती है।

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जिसमें प्रमुख निम्न प्रकार से हैं:—–

(1) मैकेनिकल —- यंत्रों से प्राप्त एनर्जी ।

(2) हीट एनर्जी —- गर्मी से प्राप्त एनर्जी ।

(3) लाइट एनर्जी —– सूर्य से प्राप्त एनर्जी ।

(4) मैग्नेटिक एनर्जी —- चुंबक से प्राप्त एनर्जी

(5) साउंड एनर्जी— आवाज से प्राप्त एनर्जी ।

(6) विद्युत एनर्जी—– विद्युत से प्राप्त एनर्जी ।

(7) केमिकल एनर्जी —- रसायन से प्राप्त एनर्जी।

(8) न्यूक्लियर एनर्जी– परमाणु से प्राप्त एनर्जी

(9) बायो एनर्जी — जीव जंतुओं से प्राप्त एनर्जी।

(A) बायो एनर्जी (वाह्य)—–उत्सर्जन व अंगों से प्राप्त एनर्जी ।

(B) बायो एनर्जी (आंतरिक) —भोजन , मेटाबॉलिज व प्रकाश संश्लेषण के द्वारा शरीर के अंदर प्राप्त एनर्जी ।

क्या है बायो एनर्जी ?

हमने देखा कि संसार में विभिन्न प्रकार की एनर्जी हैं। जिनमें एक बायो एनर्जी भी है। हम केवल bio-energy के विषय में यहां चर्चा करेंगे। बायो एनर्जी मुख्य रूप से दो रूपों में पाई जाती है

एक वह भाग जो बायो उत्सर्जित ( मल मूत्र पेड़ पौधों के टूटे-फूटे भाग आदि ) पदार्थो के द्वारा एनर्जी प्राप्त होती है। दूसरे वह जो जीव जंतु भोजन करके, उनका मेटाबोलिज्म व प्रकाश संश्लेषण आदि अनेक जटिल क्रियाओं द्वारा अपने अंदर एनर्जी। प्राप्त कर स्टोर करते हैं। यहां हम इसी एनर्जी की बात करेंगे । जीव जंतु भोजन करने के बाद अपने शरीर में एनर्जी को स्टोर कर लेते है। हम जानते हैं कि जीव ( जन्तु और पेड़ पौधे ) जब भोजन करते हैं।

उसका पाचन अनेक जटिल रासायनिक क्रियाओं के द्वारा शरीर के अंदर होता है फिर उससे ऊर्जा (एनर्जी) प्राप्त होती है। इसी ऊर्जा से दैनिक जीवन के समस्त कार्य (चलना, फिरना ,भोजन करना ,श्वसन करना उत्सर्जन करना, प्रकाश संश्लेषण करना आदि अनेक काम करते हैं।

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कायदा तो यह होना चाहिए जितनी ऊर्जा हम पैदा करते हैं। वह कार्य में समाप्त हो जाना चाहिए लेकिन ईश्वर ने शरीर को यह क्षमता प्रदान की है यदि हम कुछ भी भोजन न करें तो उसके लिए हमारे शरीर में ऊर्जा स्टोर रहे और यह ऊर्जा शरीर के ऊतकों में स्टोर रहती है । जो आवश्यकता पड़ने पर शरीर से बिना भोजन किए उसे खर्च कर सकता है।

यहां जिस विषय में हम बात कर रहे हैं वह पेड़ पौधों की है कि पेड़ पौधों में जो एनर्जी एकत्र होती है उसी एनर्जी को हम उपयोग में लाते हैं। इसलिए हमें यह भी जानना आवश्यक है कि पेड़ पौधों में एनर्जी मुख्य रूप से कहां-कहां एकत्र होती है।

पेड़ पौधों में अपने जीवन को चलाने के लिए उनके ऊतकों में एनर्जी एकत्र रहती है। जिससे पेड़ पौधे अपना जीवन चलाते हैं लेकिन कभी-कभी पेड़ पौधे हमारी तरीके से अतिरिक्त एनर्जी भी एकत्र कर लेते हैं । जो संकट के समय उनके जीवन में काम आती है।

कभी-कभी अपनी वंश वृद्धि के लिए एनर्जी एकत्र करते हैं जैसे फलों में ऊर्जा एकत्र करना । पेड़ पौधों के उन भागों को ही हम अधिकतर औषधि के रूप में उपयोग करते हैं जिन भागों में पेड़ पौधे एनर्जी एकत्र करते हैं जैसे जड़ ,छाल, पत्ती ,फूल ,फल आदि।

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क्या औषधियां बायो एनर्जी हैं
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जब हम औषधि तैयार करते हैं। तो औषधि में वही पदार्थ आते हैं । जो पौधे में बायो एनर्जी के रूप में अपने अंदर संभाल कर रखा होता है।

इसी एनर्जी को कोई ओड फोर्स कहता है, कोई स्पैजेरिक कहता है, कोई जौहर कहता है, तो कोई वाइटल फोर्स कहता है प्लांट एक्सट्रैक्ट कहता है लेकिन मूल में जीव की बायो एनर्जी (Bio energy) ही होती है

इसे आपके शरीर की frequency के आधार पर नापा जा सकता है जिसे जर्मन device Healy के माध्यम से पता लगाया जाता है

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नोट👇

(1) यदि जीव में वायो एनर्जी एकत्र करने की क्षमता समाप्त हो जाए तो उसका जीवन संसार में अधिक नहीं चल सकता है ।

(2) किसी जीव , छाल, बीज ,पत्ती जड में जब तक बायो एनर्जी रहती है तभी तक उसका संसार में उसका अस्तित्व रहता है।

यह पोस्ट डॉ मौर्या द्वारा रचित पुस्तक का भाग है, जिसके लिए हम धन्यवाद ज्ञापित करते हैं

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